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SAB BAKWAS HAI | सब बकवास है | COMEDY SCRIPT

SAB BAKWAS HAI | सब बकवास है | COMEDY SCRIPT 


अ- अपनी सीट पर बैठा है। उस पर कैमरा खुलता है।इस बीच मुख्य गेट खुलने की चर्रचर्रा की आवाज सुनाई देती है तो की नजर उठाकर गेठ की ओर देखता है। एक बुजुर्ग हाथ में बेंत लेकर अंदर आते हुए दिखाई देते है।
ब- अरे गुरू जी आप (चैंकते हुए) मुझे पता होता तो मैं आपको लेने चला आता
(ब अपनी सीट से उठकर गुरू जी के पैर छूता है। )
अ- जीते रहो बेटा। (चारों तरफ नजर घुमाकर)
अरे तेरे तो बड़े ठाट है बेटा। इतना सुंदर स्टूडियो। एसी की ठंडक। वाह वाह तूने मेरा सीना गर्व से चैड़ा कर दिया। ईश्वर करे इससे ज्यादा तरक्की तू ना करें।
ब- ऐसा क्यूं गुरू जी।
अ- इसीलिए कि इससे ज्यादा सीना चैड़ा हुआ तो मेरा कुर्ता फट जाएगा। पेंशन इतनी मिलती नहीं कि नया कुर्ता खरीद लूं।
ब- गुरू जी ये मजाक है या हकीकत।
अ- फिफ्टी फिफ्टी काम ले बेटा। दोनों का काम चल जाएगा।
अ- गणित का जोड़ घटाना छोड़ा नहीं आपने
ब- ये कहां छूटता हैं बेटा पहले तुम्हे पढ़ाता था, रिटायरमेंट के बाद जिंदगी मुझे पढ़ा रही है।
अ- अरे गुरू जी आप तो संजीदा हो गये। आइऐ बैठिए। हम माहौल को हल्का करते हैं।
ब- वो कैसे
अ- आपका इंटरव्यू लेकर।
ब- इंटरव्यू में अच्छे अच्छों का पाजामा ढीला हो जाता है।
अ- क्या गीला हो जाता है
ब- अरे गीला नहीं ढीला ढीला
अ- जी ढीला हो जाता है
ब- तु कह रहा है कि माहौल हल्का कर देंगे।
अ- जी गुरू जी, ये आपका कालेज यचा नौकरी वाला इंटरव्यू नहीं है। ये बकवास टाइप का इंटरव्यू है। आपको भी अच्छा लगेगा और देखने
वालों को भी।
ब- तो तू हमारे साथ बकवास करेगा। स्कूल वाली छड़ी देखी है, इसे आज तक साथ ही रखता हूं। तेरी गुरू रानी साथ छोड़ गई लेकिन इस छड़ी
ने मेरा साथ ना छोड़ा।
अ- अरे गुरू जी आप रंडवे गुरू हो गए। यह कब की बात है। हमें तो पता ही ना चला।


ब- तुझे पता चलता तो वो ना मरती क्या, या तु उसे जिंदा कर लेता।
अ- अरे गुरू जी, आपको दुखी देखा तो मैं भी इमोशनल हो गया।
ब- मेरी मरने में इमोनशनल मत हो, अपनी में हो लेना।
अ- गुरू जी ये संदेश है या बददुआ
ब- दोनों हैं। देख पति पत्नी कितना भी प्रेम कर लें एक दिन साथ छूट ही जाता है। दो हंसों का जोड़ा या दो कव्वों का जोड़ा बिछड़ ही जाता है।
अ- गुरू जी माहौल को भारी मत बनाओ। हमारा कार्यक्रम हंसने हंसाने का है।
ब- अच्छा मुझे खेद है। जोर से हा हा हा
अ- ये क्या गुरू जी
ब- तुने ही तो अभी कहा था हंसने का कार्यक्रम हैं मैंने हंसना शुरू कर दिया।
अ- बिना बात के हंसना तो ठीक न होवे है गुरू जी।
अ- अब तु हमें बताएगा क्या ठीक होता है क्या नहीं। भूल गया पढ़ाई के दिन। भूल गया इस छड़ी को। अब तो तु मुर्गा बनना भी भूल गया
होगा।
अ- जी गुरू जी, अब मैं बड़ा भी तो हो गया हूं।
ब- अब लौंडे बड़ा हो गया होगा अपने लिए। एक गुरू के सामने तो आदमी बच्चा ही रहेगा।
अ- जी गुरू जी आप वजा फरमा रहे हैं।
ब- बड़ी जबान निकलने लगी है तेरी। छोटा था एक डांट में नेकर में पेशाब कर देता था, आज हमें सिखाने चला है
अ- नहीं गुरू जी, मैं तो बस
ब- (बात बीच में काटते हुए) चुप नालायक कहीं का। अभी बताता हूं खड़ा हो जा
अ- गुरू जी ये आपकी क्लसा नहीं है, मेरा स्टूडियो है
ब- अबे होगा स्टूडियो तेरा। तूने मेरे अंुदर का गुस्सैल मास्टर जगा दिया है बेटा अब जरा खड़ा होजा
अ- गुरू जी लाइव इंटरव्यू चल रहा है हजारो लोग देख रहे हैं मेरा फलूदा मत बनाइए।
ब- अबे जो देख रहे हैं, उनका भी हो, कभी न कभी अपने गुरू से वास्ता पड़ा होगा। चल खड़ा हो जा।
अपनी सीट से खड़ा हो जाता है। छड़ी को दिखाते हुए कहता है
ब- खड़ा हो रहा है या खड़ा करूं। जानता नहीं इस छड़ी को यदि चल पड़ी तो तेरे बदन पर इतने निशान पड़ जायेंगे कि सुबह को दो दो जगह
पर दर्द होगा
( अ डर जाता है और अपनी सीट पर खड़ा हो जाता है)
अ- जी गुरू जी। लीजिए मैं खड़ा हो गया लेकिन आप शांत हो जाइए और अपनी सीट पर तशरीफ रखिए। मुुझे आपसे कुछ सवाल करने हैं
ब- अच्छा बेटा। अब तक हमने सवाल किए अब तु हमसे सवाल करेगा। औकात है तेरी। तू ऐसे नहीं मानेगा। चल बाहर निकल। हाथ आगे कर।
(अ अपने दोनों हाथ आगे कर देता है, गुरू जी दोनो पर छड़ी से कई प्रहार कर देते हैं )
अ- गुरू जी ये मेरा स्टूडियो है ये क्या कर रहे है आप मुझे कैसे निकालेंगे आप
ब- अबे मैं स्टूडियो से निकलने की बात नहीं कर रहा हूं। अपनी सीट से बाहर आ।
अ- जी चलिए आ गया।
( अ सीट से हटकर आगे आ जाता है)
जी गुरू जी
ब- चल मुर्गा बन।
अ- गुरू जी मैं बड़ा हो गया हूं मेरी शादी हो गई है और आप मुझे मुर्गा बना रहे हैं।
ब- बीबी को मुर्गी थोड़े ही बना रहा हूं। उसे मेरा आर्शीवाद कहना। हां लेकिन आज तुझे नहीं छोड़ूंगा। स्कूल के बाद तु इतनी जुबान चलाने लगा
है। ये बर्दाश्त ना होगा। चल मुर्गा बन।
अ- गुरू जी, स्कूल छोड़े हुए सालों हो गये हैं मुर्गा बनना भी भूल गया हूं। कुछ और करा लीजिए।
ब- तो चल फिर अंडा दें
अ- गुरू जी मुर्गा अंडा कहां देता है
ब- फिर मुर्गा ही बन। मुझे भटका मत।
अ- गुरू जी आपकी सौगंध। गुरू आनी की कसम मुझे मुर्गा बनना नहीं आता।
ब- (गुरूआनी का नाम सुनकर विचित्र मुद्रा बनाते है) ओह तुने गुरूआनी की कसम दे दी, चल तेरी बाकी सजाएं माफ करता हूं। लेकिन मुर्गा
मुर्गा तो बनना ही पड़ेगा।
अ- यानि पतनाला वहीं गिरेगा।
ब- कुछ भी समझ ले
अ- लेकिन गुरू जी मुझे मुर्गा बनना तो आता नहीं
ब- तो गूगल पे सर्च कर लें। मुर्गा तो बनना ही पड़ेगा, नहीं तो मेरा गुस्सा तू जानता ही होगा, या वो भी भूल गया
अ- (मोबाइल पर उंगलियां चलाता है और कहता है।
गुरू जी कहीं नहीं मिला। मुर्गा काटकर बनाने की विधि तो है, लेकिन मुर्गा बनाने का तरीका कहीं नहीं है।
ब- कुछ सोचने की मुद्रा, तो यू ट्यूब पर मुर्गा बनने की विधि नहीं हैं बड़ा पिछड़ा रह गया है सोशल मीडिया।
अ- जी गुरू जी।
ब- चलो फिर मैं तुझे मुर्गा बनकर दिखाता हूं फिर तु उसे ठीक से कर लेना
अ- ठीक है गुरू जी। सारी शिक्षाएं आपने ही तो दी हैं मुर्गा बनना भी सिखा दीजिए।
ब- चल भाई। अपने शिष्य के लिए ये ये बलिदान भी सही। देख मैं मुर्गा तो बन रहा हूं, लेकिन बाहर जाकर नहीं मत कहना कि गुरू जी मुर्गा
बने थे।
अ- अरे गुरू जी कैसी बात कर रहे हैं। मैं भला क्यूं कहने लगा।
ब- देख मेरा मुर्गा बनने वाला सीन कट कर देना।
अ- जी गुरू जी। ये ठीक रहेगा। आप फिक्र ना करे।
ब- चल फिर मैं मुर्गा बनता हूं
गुरू जी मुर्गा बनकर दिखाते हैं, इसे कहते हैं चल अब तु बन।
अ- मुर्गा बन जाता है
ब- अब कुकड़ू कू बोल
अ- आप तो ना बोले थे गुरू जी कुकड़ू कूं
ब- जुबान मत लड़ा। बेंत मारते है हिप्स पर, जो कहता हूं वो कर
अ- कुकड़ू कूं कुकड़ू कू
ब- हां अब ठीक है । तेरी सारी खताएं माफ चल अब अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठते है
अ- कुसी पर बैठकर, ये तो बताओ गुरू जी आपने मुझे इतनी बड़ी सजा वो भी सार्वजनिक तौर पर क्यूं दीं
ब- देख बेटा जो मेरे से ट्यूशन ना पढ़ता उसका में कभी न कभी मुर्गा जरू बनाता हूं
मुझे याद था कि तुने कभी मुझसे ट्यूशन नहीं पढ़ा था
अ- सो तो हैं गुरू जी। इतने सालों बाद सजा।
ब- चेला भूल जाता हूं गुरू कभी नहीं भूलता।
अ- अच्छा। गुरू जी एक बात बताओ, जिन लड़कों ने आपसे ट्यूशन पड़ा था, उनमें कितने आईएएस और आईपीएस बन गए हैं
ब- डीएम, एसपी तो ना बने। सबने अपने कारोबार जरूर कर लिए हैं
अ- जैसे
ब- एक ने पंक्चर की दुकान खोल ली। पता आज वह कितनी तरक्की कर चुका है
अ- कितनी गुरू जी
ब- उसने साइकिल से शुरू करके स्कूटर फिर कार और टक के पंक्चर जोड़ रहा है
अ- आगे बुलडोजर और हवाई जहाज के पंक्चर जोड़ेगा लड़का
ब- वो लड़का तो कुछ ऐसा ही रहा है
अ- इसके अलावा और भी शिष्य होंगे आपक
ब- क्यूं नहीं सैकड़ों हजारों हैं। इंटरव्यू के लिए भेजूं क्या
अ- जी नहीं गुरू जी आप बताइए खास चेलों के बारे में
ब- बेटा जबसे चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री बना, तब सौ से ज्यादा मेरे शिष्यों ने चाय की दुकान खोल ली हैं और राजनीतिक पार्टियों
से जुड़ गए हैं। पता नहीं कब किसका भविष्य जोर मार जाए।
अ- गुरू जी चाय बेचकर कोई प्रधानमंत्री ना बनता। उसके लिए संघर्ष, धैर्य, सहनशीलता, प्रतीक्षा और तपस्या भी तो चाहिए
ब- अरे बेटा ये बात तो मैंने किसी चेले को ना बताईं
अ- बस तो गुरू जी अब आपका घंटा पूरा हो गया है
ब- यानि मेरा इंटरव्यू समाप्त
अ- जी गुरू जी
ब- चल फिर खड़ा हो
अ- अब क्यूं गुरू जी
ब- अरे मैं जा रहा हूं। पैर ना छुएगा मेरे। राम राम न करेगा।
अ- जी गुरू जी करता हूं।
समाप्त
लेखक 
सत्यराज 

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