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ACTING क्या है ………? WHAT IS ACTING.........?

ACTING क्या  है ………?
WHAT IS ACTING.........?

जो भी ACTING के FIELD अपना CAREER बनाना चाहते हैं उनको सबसे पहले समझना होगा की ACTING क्या है कुछ लोग FILM INDUSTRY की चकाचौंद की और ATTRACT हो कर या किसी ACTOR/ACTRESS को ACTING करते देख कर उसको FOLLOW करने लगते हैं और मन बना लेते हैं की उनको भी ACTOR/ACTRESS बनना है. बेशक कोई भी ACTOR/ACTRESS बन सकता है और जो लोग भी एक्टिंग को अपना PROFESSION बनाना चाहते हैं वो अनथक मेहनत करने के लिए तैयार हो जाये क्योकि एक सफल ACTOR/ACTRESS बनने के लिए बहुत मन लगा कर मेहनत करनी पढ़ती है. 
अब सबसे पहले समझना होगा की एक्टिंग क्या है। 
“किसी काल्पनिक कहानी/नाटक या किसी ऐतिहासिक कहानी के काल्पनिक चरित्र(CHARACTER (KIRDAAR)को आत्मसात कर उसको PRESENT करना ही अभिनय/ACTING है एक एक्टर अपने उस चरित्र (CHARACTER) का प्रदर्शन THEATRE FILM, RADIO या किसी भी माध्यम से करता है” 
“किसी लिखित काल्पनिक चरित्र को जिवंत बनाना ही ACTING है” 
जिस तरह पानी मैं उतरे बिना तैरना नहीं सीखा जा सकता मतलब अगर आपको तैरना सीखना है तो आपको पानी मैं उतरना ही होगा इसी तरह अगर आपको किसी काल्पनिक किरदार को जीवंत बनाना है तो आपको उस किरदार मैं सामना होगा डूबना होगा तभी आप उस किरदार के साथ न्याय कर सकते हैं.
उसके लिए आपको खुद मेहनत करनी होगी कोई दूसरा इंसान आपको सिर्फ रास्ता बता सकता है लेकिन उस रस्ते पर आगे बढ़ने के लिए आपको खुद मेहनत करनी है आगे के रस्ते खुद बनाने पढ़ते हैं। 
इसलिए ACTING FIELD मैं CAREER बनाने का फैसला लेने के बाद सबसे पहले ये समझना ज़रूरी है की ACTING क्या है. अगर सीधे सीधे लफ़्ज़ों मैं कहु तो हम सब ही ACTER/ACTRESS है अब आप सोच रहे होंगे की कैसे वो ऐसे याद कीजिये बचपन के वो दिन जब स्कूल के नाम से ही पेट और सर मैं दर्द हो जाता था जब माँ कहती थी की चलो SCHOOL जाओ तब हम कैसे कहते थे की माँ आज पेट मैं दर्द हो रहा है, कभी पेट दर्द का बहाना कभी सर दर्द का बहाना कभी कुछ और बहाना बस यही तो एक्टिंग है वो तो सब लोग बचपन से ही करते आ रहे हैं, एक बात और याद कीजिये जब घर का कोई नुकसान भाई करता था तो बहिन उसको मार/डाट से बचने के लिए माँ से क्या क्या कहती थी इसी तरह जब कोई बहिन शरारत करती थी तो भाई कैसे माँ से उसको माँ की डाट से बचता था. जब थोड़े बड़े हुए तो याद है वो बात जब आप अपनी पहली डेट पर गए और घर जाकर माँ से बोलै की माँ आज TUTION मैं SIR से EXTRA CLASS ली इसीलिए देर हो गई, ये बहना नहीं  बहाना बनाया होगा बस यही तो ACTING है ज़रूरत है तो सिर्फ एक्टिंग को समझने की. 
बचपन मैं तो हम सब ने ही ये सब किया है लेकिन इसका मतलब ये नहीं की एक्टर बन जायेगे एक्टर तो हम सब है लेकिन एक  बनने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। ACTING यही तक सीमित नहीं है ACTING को समझने के साथ-साथ एक्टिंग की बारीक़ों KO समझना और सीखना भी बहुत ज़रूरी है. एक्टिंग की बारीकियों को सीख कर ही किसी चरित्र (CHARACTER)को जीवंत किया जा सकता है. आपकी ACTING ऐसे होनी चाहिए की आप किसी को भी हँसाने के लिए मजबूर कर सके किसी को भी रोने को मजनूर कर सके और ऐसा तभी संभव है जब आप ACTING को समझ पाएंगे और एक्टिंग की बारीकियों को समझ और सीख पाएंगे… 

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